Stop Eating at Night Scientific Reason



HINDI VERSION
रात में भोजन, पानी आदि ग्रहण करना जैन धर्म में निषेध हैं| इस निषेध के कई कारण हैं| कीटाणु और रोगाणु जिनको नग्न आंखों से देखना असंभव हैं, वे सूरज की रौशनी में गायब हो जाते हैं, वास्तव में नष्ट नहीं होते; वे छायादार स्थानों में शरण लेते हैं और सूर्यास्त के बाद; वे वातावरण में प्रवेश कर उसे व्याप्त करते हैं और फिर हमारे भोजन में मिल जाते हैं| इस तरह का भोजन उपभोग करने से कीटाणुओं और जीवाणुओ की हत्या होती हैं और बारी में हमारे बीमार स्वास्थ्य का कारण बनते हैं|
हमारी जैविक घड़ी, सूर्य के उदय-अस्त के अनुसार सेट की गयी है| जब सूरज हमारे बिलकुल ऊपर होता है, तब हमारी जठराग्नि उसकी चरम सीमा पर होती है| रात के समय में खाना ठीक से नहीं पचता क्योंकि पाचन प्रणाली रात में सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति के कारण निष्क्रिय हो जाती है और हमें अपच की समस्या का सामना करना पड़ता है| इन घंटो के दौरान रस प्रक्रिया धीमी हो जाती हैं क्योंकि हम किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में लिप्त नहीं होते जिससे पाचन में मदद मिलती हो| इसलिए रात के समय में ग्रहण किया हुआ भोजन पचा नहीं करता और वह शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है| यह अपचित खाना वजन में वृद्धि करता हैं और वसा के रूप में संग्रहीत होता है| यह सांस में गंध, दांतों की सड़न, कब्ज, घुटने के जोड़ों में दर्द और गले के कई रोग पैदा करता हैं|
भारतीय विज्ञान स्वास्थ्य के एक नियम अनुसार, व्यक्ति को भोजन करने के बाद कई बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए| कुछ वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि व्यक्ति को सोने के कम से कम 3-4 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए ताकि सोने से पूर्व खाना बराबर पच सके| हाँग-काँग देश में हाल ही में एक शोध से साबित हुआ है कि जो शाम को जल्दी खाना खाते हैं, वे दिल की बीमारियों से कम ग्रस्त होते हैं|
रात्रि भोजन से बचने के अन्य वैज्ञानिक कारण:
1. नींद चक्र में अस्थिरता:
अनुसंधान पाया गया है कि रात्रि में खाने से पाचन प्रक्रिया पर निद्रा चक्र का गंभीर प्रभाव होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को निद्रा के बीचमे कई बार जागना पड़ सकता हैं|
2. पेशाब वृद्धि और उत्सर्जन आवश्यकताए:
रात के दौरान पानी और भोजन ग्रहण करने से; शौचालय के उपयोग की संख्या में वृद्धि हो सकती है|
कुछ खाद्य पदार्थ और रात में खाने से उनके परिणाम:
1. उच्च वसावाले भोजन: तेल, पनीर, फ्रेंच फ्राइज़, अतिरिक्त पनीर और चीज़ के साथ पिज्जा, चिकना भोजन, आदि उच्च वसावाले भोजन को रात में देर से ग्रहण करने से पाचन तंत्र में जमा हो जाते है|
2. मसालेदार खाना: न केवल मसालेदार खाना रात में खाने पर सबसे ज्यादा हानिकारक होता है, बल्कि अपनी निद्रा चक्र में भी बाधा उत्पन करता हैं| इसके अलावा, एन्दोर्फिंस का आक्रमण होने पर सोना और भी कठिन हो जाता हैं| मसालेदार भोजन व्यक्ति को शारीरिक रूप से असहज महसूस करा सकता हैं| मसालेदार खाना अन्तरदाह, पेट और मौजूदा समस्याओं को और भी ख़राब करने का कारण बन सकता हैं|
3. कैफीन: आप में से अधिकांश लोग शायद बेहतर जानते हैं की रात में कैफीनवाली कॉफी, चाय से बचना चाहिए, लेकिन बात यह हैं की, कई तरह के खानों में कैफीन पहले से ही शामिल होता हैं|
4. लाल मांस: लाल मांस भोजन का एक प्रकार है जिससे पचने के लिए बहुत लंबा समय लगता हैं, क्योंकि प्रोटीन और वसा लाल मांस के बहुत सारे प्रकार में पाये जाते है| इसी कारण, लाल मांस का रात में उपभोग करने से एन्दोर्फिंस पैदा होते हैं जिससे सोने में और भी कठिनाई होती हैं|
5. अखरोट आदि: आप सोच रहे होंगे कि क्या अखरोट स्वस्थ भोजन नहीं हैं? बेशक है – सेम में बहुत सारा रेशे वाला भाग हैं, जो निस्संदेह आपके शरीर के लिए बहुत अच्छा है| दुर्भाग्य से, सेम का रेशे वाला भाग रात में खाने के लिए बहुत ही हानिकारक हैं क्योंकि वे पचाने के कार्यक्रम को असहज कर देता हैं जिससे रात में पेट की समस्याऍ पैदा हो सकती हैं|
विभिन्न धार्मिक विचारों:
1. जो व्यक्ति शराब, मांस, पेय, सूर्यास्त के बाद खाता है और जमीन के नीचे उगाई सब्जियों का उपभोग करता है; उस व्यक्ति के किये गए तीर्थयात्रा, प्रार्थना और किसी भी प्रकार कि भक्ति बेकार हैं|
- महाभारत (रिशिश्वरभरत)
2. जो व्यक्ति बरसात के मौसम में सूर्यास्त के बाद खाना खाता हैं, उसके पाप हजारों “चंद्रायणतप” करने पर भी नहीं धुलतें|
- रिशिश्वरभरत (वैदिकदर्शन)
3. जो व्यक्ति सूर्यास्त के पहले खाते हैं और विशेष रूप से बरसात के मौसम में रात्रि भोजन का त्याग करते हैं; उस व्यक्ति के इस जीवन की और अगले जीवन की सारी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं|
- योगवशिष्ट पुर्वघश्लो 108
4. मारकंडपुराण में यह कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद पानी पीना रक्त पीने के और भोजन करना मांस खाने के बराबर है|
- मारकंडऋषि
5. एक आदमी की इष्टतम दैनिक दिनचर्या के लिए रात में खाने से बचना चाहिए क्योंकि उस समय जठराग्नि, जो खाना पचाने का काम करती हैं, उस दौरान बहुत कमजोर होती हैं|
- चरकसंहिता और अष्टांग संग्रह
6. हिंदुओं के प्राचीन शास्त्रों में यह कहा गया है कि, “चत्वारि नरक्द्वाराणि प्रथमं रात्रिभोजनम्”, मतलब रात्रिभोजन नरक का पहला द्वार है|
यहां तक कि, मधुमक्खियों, गौरैयों, तोते, कबूतर और कई अन्य प्रकार के उत्तम पक्षी भी सूर्यास्त के बाद नहीं खाते|
दुनिया के सभी धर्मों में से, जैन धर्म खान-पान जैसी छोटी चीजों की जांच करने में भी अद्वितीय हैं| जैन धर्म समान रूप से मन, शरीर और आत्मा के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है| भोजन के कुछ प्रभाव, दोनों अच्छे और बुरे, न केवल शरीर पर बल्कि मन पर भी असर करते हैं| आखिर जैसा आप खाते है वैसा आप सोचते हैं|
सूर्यास्त के बाद खाने का पाप:
कोई शिकारी छन्नु (९६) भव तक संलग्न शिकार करके जो पापराशी इकट्ठी करता है| उससे मात्र एक तालाब का शोषण करने का पाप बढ जाता है| सौ (१००) भव तक कोई मानव सरोवर सुकाने से जो पाप राशी इकट्ठी करता है| उससे ज्यादा एक वन को आग लगाने से पाप लगता है| एक सौ आठ (१०८) भव तक वन में आग लगाने से जो पाप राशी इकट्ठी होती है उससे ज्यादा पाप एक कुवाणिज्य करने से होता है| एक सौ चुम्मालिश (१४४) भव तक कुवाणिज्य करके जो पाप की राशी एकत्रित होती है उससे ज्यादा पाप एक कुकलंक लगाने में लगता है| एक सौ इक्कावन (१५१) भव तक असत्य कलंक लगाकर जो पाप के पहाड एकत्रित होते हैं उससे ज्यादा पाप एकबार परस्त्रीगमन करने के कारण लगता है| एक सौ निन्याणु (१९९) भव तक परस्त्रीगमन करके जो महाभयानक पापों की पोटली बांधकर आत्मा भारी होता है उससे भी ज्यादा पाप एक दिन के रात्री भोजन करने में लगता है|
यदि आप अब तक के जीवन की रात्रिभोजन के पाप की गणना करते हैं तो संचित कर्मो की राशि असंख्य हो जाती हैं|
यदि आप अपने पूरे जीवन के लिए सूर्यास्त से पहले खाना खाते हैं, तो आपको अपने आधे जीवन के उपवास का फल प्राप्त होता है|
रात्रिभोजन का त्याग, स्वर्ग के द्वार का आगमन हैं|
दैनिक जीवन में लाभ:
1. होटल में नो वेटिंग:
हम सबने अनुभव किया है कि शनिवार/रविवार की रात को होटल में खाने के लिए 10 मिनट से लेके 1-2 घंटे तक होटल के बाहर इंतजार करना पड़ता है| आप इंतज़ार करते करते थक जाते हैं जिसके बाद खाने का मन नहीं करता| और अगर आप के साथ बच्चे हो तो परीस्थिति बदतर हो जाती है| जो लोग सूर्यास्त से पहले खाना खाते हैं उन्हें होटल के बाहर प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि बहुत कुछ लोग होते हैं, जो सूर्यास्त से पहले खाना खाते हैं| इसके अलावा, होटल में भोजन, सफाई और स्वचाता की जो सेवा सूर्यास्त के बाद प्रदान होती हैं उससे कई गुना बेहतर सुविधा सूर्यास्त के पहले प्रदान होती हैं|
2. परिवार के लिए समय:
यदि सूर्यास्त से पहले परिवार में हर कोई भोजन कर लेता हो तो, घर के सभी काम पूरे हो जाते हैं और घर की महिलाओं को अपने बच्चों, परिवार और अन्य गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय मिल पाता हैं |
सूर्यास्त से पहले नहीं खाने के और भी कई अन्य लाभ हैं| कई लोग इस दिशा में आगे भी बढ़ चुके है|
अगर आप उनमें से हो जो धर्म में विश्वास नहीं रखते, फिर भी रात में न खाने के बहुत सारे वैज्ञानिक कारण हैं जिससे आप चुस्त-दुरुस्त रह सकते हैं|

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