बेटियाँ"
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* फूल तो बहुत से होते हैं बगिया में, घर में सबसे
प्यारा सा फूल होती हैं बेटियाँ !
* ओस की नाजुक बूँदों सी होती हैं, खुरदरा हो स्पर्श
कभी तो रो देती हैं बेटियाँ !
* कोई नहीं है एक दूसरे से कम कभी भी, हीरा अगर है
बेटा तो मोती हैं बेटियाँ !
* काँटों की राह पर तो खुद चल देती हैं, औरों के लिए
तो फूल ही बोती हैं बेटियाँ !
* रौशन करेगा बेटा बस एक ही वंश को, पर दो-दो
कुलों की लाज ढोती हैं बेटियाँ !
* माँ-बाप को बुढ़ापे में धोखा दे देते हैं बेटे कई, धोखा
इन्हें कभी ना देती हैं बेटियाँ !
* विधि का है विधान या दुनिया की रीत, क्यों कईयों
के लिए भार होती हैं बेटियाँ !
* बेटियाँ तो माँ-बाप के जिगर का टुकड़ा होती हैं, बहुत
ही प्यारी होती हैं बेटियाँ !
* बेटे नाजों से पालते हैं सभी, कईयों ने जन्मने से
पहले ही मार डाली हैं बेटियाँ !
* लानत है उनको धिक्कार उन्हें हजारों बार, जिन्हें
इतनी बुरी लगती हैं बेटियाँ !
* ऐसी सोचवालों का जीवन विवेकहीन अँधकार है,
क्या इतनी ही बुरी हैं बेटियाँ !
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